आदर्श शिक्षक
परिचय “
एक शिक्षक देश के भावी नागरिकों के रूप में अपने छात्रों की नींव बनाता है। अतः एक शिक्षक को स्वयं एक आदर्श शिक्षक होना चाहिए।
आदर्श शिक्षक की भूमिका :
एक आदर्श शिक्षक को अपने शिक्षण-विषयों में घर पर ही होना चाहिए। उसे अपने विषयों को अपने छात्रों को स्पष्ट रूप से समझाने वाला होना चाहिए। उसकी आवाज कक्षा में आखिरी बेंच को स्पष्ट रूप से सुनाई देनी चाहिए। हर दिन उसे उस पाठ पर तैयार होकर आना चाहिए जो उसे उस दिन कक्षा में पढ़ाना है। उसे भाड़े के मकसद से कोई निजी ट्यूशन नहीं लेना चाहिए।
उन्हें उन छात्रों को प्रशिक्षित करना चाहिए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। एक आदर्श शिक्षक को अध्ययन आदतों का शिक्षक होना चाहिए। उसके चारों ओर पुस्तकों का पुस्तकालय होना चाहिए। ये किताबें सस्ते उपन्यास या जासूस नहीं होनी चाहिए।
क्योंकि उसे ज्ञान के लिए पढ़ना चाहिए। वह एक उत्साही पाठक होना चाहिए। उसे अपनी किताबों के बीच खुद को व्यस्त रखना चाहिए। इसके अलावा उसे अच्छी पत्रिकाएं और समाचार पत्र पढ़ने चाहिए।
एक आदर्श शिक्षक को समय पर अपनी कक्षा में आना चाहिए और समय पर अपनी कक्षा छोड़ देनी चाहिए। पढ़ाते समय उसे कक्षा के सभी छात्रों पर समान ध्यान देना चाहिए। अध्यापन करते समय उसे आवश्यक सभी शिक्षण सामग्री का उपयोग करना चाहिए।
उसे उत्तर पत्रों पर अंकों का आकलन करते समय कोई पक्षपात नहीं करना चाहिए। एक आदर्श शिक्षक चरित्रवान व्यक्ति होना चाहिए। वह प्रभावशाली होना चाहिए। वह सेवा और त्याग का व्यक्ति होना चाहिए। उसे अपने सभी छात्रों के प्रति समान स्नेह रखना चाहिए। उसे मेहनती और कर्तव्यपरायण होना चाहिए। उसे एक शिक्षक के रूप में अपना अनुभव दर्ज करना चाहिए।
निष्कर्ष :
एक आदर्श शिक्षक देश की सबसे बड़ी संपत्ति है। इसलिए प्रत्येक शिक्षक को आदर्श बनने का प्रयास करना चाहिए।