लिंग किसे कहते है? | What Is Ling in Hindi Grammar?

लिंग (Ling)

लिंग: परिभाषा,अर्थ,भेद,पहचान और उदाहरण

पुरुष या स्त्री की पहचान उसके लिंग से होती हैं। लिंग का अर्थ है – चिह्न, या निशान । पुरुष जाति के प्राणी को पुंलिंग और स्त्री जाति के प्राणी को स्त्रीलिंग माना जाता है। 

हम जानते हैं कि हिन्दी में प्रत्येक संज्ञा शब्द या तो पुंलिंग में होता है, या स्त्री लिंग में । 

प्रत्येक संज्ञा शब्द का लिंग जानना इसलिए जरूरी है कि कर्ता या कर्म के रूप में प्रयुक्त संज्ञा शब्द के लिंग के अनुसार क्रियापद बनता है, जैसे – 

राम जाता है।                            सीता जाती है ।

रामने रोटी खायी ।                    सीता ने फल खाया |

हवा चलती है।                          पवन बह रहा है  | 

मनुष्य और अन्य प्राणियों का लिंग जानना आसान है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से वे पुरुष स्त्री या नर-मादा होते हैं;

जैसे –

पुंलिंग शब्दस्त्रीलिंग शब्दपुंलिंग शब्दस्त्रीलिंग शब्द
नरनारीकुत्ताकुतिया
घोड़ाघोड़ीशेरशेरनी
बालकबालिकाबैलगाय
बाघबाघिनलड़कालड़की
पितामातापतिपत्नी
पुत्रकन्याहिरनहिरनी
मालीमालिनराजारानी

लेकिन कुछ प्राणिवाचक शब्द हैं, जिनके स्त्रीलिंग रूप नहीं हैं, जैसे – उल्लू केंचुआ, कौआ, कछुआ, खरगोश तोता, नेवला, भेड़िया, मच्छर

कुछ ऐसे प्राणिवाचक शब्द हैं, जिनके पुंलिंग रूप नहीं हैं; जैसे – कोयल, गिलहरी, चील, जोंक, जूं, तितली, मकड़ी, मक्खी, मछली, मैना । 

ऐसे नित्य पुंलिंग और स्त्रीलिंग शब्दों में नर मादा शब्द जोड़कर लिंग स्पष्ट किया जाता है, 

जैसे – 

 नर कौआ  – मादा कौआ 

नर कोयल – मादा कोयल 

अप्राणिवाचक संज्ञा शब्दों का लिंग जानने के लिए रूप, अर्थ और शब्दांत मात्रा पर विचार करना पड़ता है। लिंग जानने के लिए मुख्यत: प्रयोग और अभ्यास की जरूरत है । फिर भी हम कुछ तरीके अपनाते हैं। ये हैं –

(i) शब्द के बहुवचन रूप के आधार पर लिंग-निर्णय । 

(ii) अर्थ के आधार पर लिंग निर्णय | 

(ii) शब्दांत स्वर या प्रत्यय के आधार पर लिंग निर्णय | 

बहुवचन रूप के आधार पर लिंग निर्णय :

(1) जिन अप्राणिवाचक अकारांत संज्ञा शब्दों का रूप बहुवचन में नहीं बदलता, अर्थात् एकवचन तथा बहुवचन दोनों में एक-सा रूप रहता है, वे शब्द पुंलिंग है, 

जैसे – भात, तेल, पवन, जल, खेत, दाँत, बाजार, खेल, सामान, मकान, माल, अनाज, जवाब, पेड़, नमक, गुलाब, शरीर, ग्रंथ, काल, नाम आदि । 

(2) जिन अप्राणिवाचक अकारांत संज्ञा शब्दों का अंतिम ‘अ’ का बहुवचन में ‘एँ’ हो जाता है, वे शब्द स्त्री लिंग हैं, 


जैसे – बात, ईंट, रात, राह, सड़क, लाश, नस, ईख, दाल, आदत, इमारत, लात, डाल, दुकान, फसल, कोशिश, साँस, किताब, पुस्तक, कीमत, सरकार, सुबह, तस्वीर, आफत, कमर, मूँछ, कमीज, झील, मेज, चीज, बंदूक आदि ।

(3) जिन अप्राणिवाचक आकारांत संज्ञा शब्दों का अंतिम ‘आ’ बहुवचन में ‘ए’ हो जाता है, वे शब्द पुंलिंग हैं;

जैसे – मेला, ताला, कपड़ा, मसाला, कचरा, अंगूठा, काँटा, सीसा, चना, कमरा, लोटा, छाता, रास्ता, परदा, जूता, कुरता, पराठा, चौराहा, दरवाजा आदि । 

(4) जिन अप्राणिवाचक आकारांत संज्ञा शब्दों के बहुवचन में  ‘-एँ’ जुड़ता है, वे शब्द स्त्रीलिंग हैं,

जैसे- आशा, उपमा, हवा, सेना, लता, कथा, शाखा, सभा, इच्छा, योजना, दिशा, विद्या, सूचना, परीक्षा, कविता, भाषा, क्रिया, संख्या, रचना, सजा, दवा, घटना आदि । 

(5) जिन अप्राणिवाचक इ/ ईकारांत संज्ञा शब्दों के रूप बहुवचन में नहीं बदलते, वे शब्द पुंलिंग हैं,

जैसे – गिरि,अतिथि, मोती, पानी, जलधि, जी, घी । 

(6) जिन अप्राणिवाचक इ/ ईकारांत संज्ञा शब्दों की अंतिम इ/ई बहुवचन में ‘याँ’ हो जाती हैं, वे शब्द स्त्री लिंग हैं,

जैसे – नदी, मक्खी, चूड़ी, जाति, तिथि, रीति, नीति, विधि, खिड़की, समाधि, गली, लड़ाई, उपाधि, मिठाई, रोटी, पूड़ी, जलेबी, पकौड़ी, उँगली, टोपी, बीमारी, चपाती, सब्जी आदि । 

(7) जिन उ/ऊ/ओकारांत संज्ञा शब्दों का रूप बहुवचन में नहीं बदलता, वे शब्द पुंलिंग हैं,

जैसे- शिशु, लड्डू, आलू, रेडियो 

(8) जिन उ /ऊ /ओंकारांत संज्ञा शब्दों को बहुवचन में ‘एँ’ हो जाता वे शब्द स्त्री लिंग में हैं;

जैसे- ऋतु, वस्तु, झाडू, लू, गौ । 

Note : वचन अध्याय में शब्दों के रूप दिए गए हैं। उन्हें देखें और शब्दों के रूपों को जान लें । 

अर्थ के आधार पर लिंग निर्णय : 

पुंलिंग शब्द : 

प्राय: अनाजों, खाद्यपदार्थों, फलों, वृक्षों, धातुओं, रत्नों, ग्रहों और द्रव पदार्थों के नाम पुंलिंग होते हैं, 

जैसे – धान, गेहूँ, चावल, चना, बाजरा, पराठा, भात, हलवा, लड्डू, पेड़ा, अनार, अंगूर, आम, केला, पपीता, बरगद, पीपल, नीम, गुलाब, सोना, पीतल, ताँबा, लोहा, काँसा, हीरा, मोती, चन्द्रमा, बुध, बृहस्पति, तारा, सूर्य, घी, पानी, दूध, तेल,दही आदि ।

पर  इनमें से कुछ स्त्रीलिंग में आते हैं,

जैसे- अरहर, मूँग, मकई, रोटी, दाल, सब्जी, तरकारी, पूड़ी, कचौड़ी, जलेबी, लीची, ककड़ी, इमली, मौलसिरी, चादी, मणि, पृथ्वी, चाय, कॉफी, शराब, छाछ आदि । 

स्त्रीलिंग शब्द :

प्रायः नदियों, नक्षत्रों, भाषाओं, तिथियों के नाम स्त्रीलिंग में होते हैं, जैसे- महानदी, गंगा, रोहिणी, विशाखा, हिन्दी, ओड़िआ, संस्कृत, अंग्रेजी, प्रतिपदा, तीज, अमावास्या, पूर्णिमा आदि । 

पर इनमें से कुछ पुंलिंग में आते हैं जैसे ब्रह्मपुत्र, सिंधु, शोण 

शब्दांत अक्षर या प्रत्यय के आधार पर लिंग निर्णय 

पुंलिंग शब्द :

  •   जिन तत्सम शब्दों के अंत में अ, अन, त्व, त्य, य, आय, आर, आस हों, वे शब्द पुंलिंग होते हैं |

Examples – त्याग, कौशल, नयन, गुरुत्व, नृत्य, सौंदर्य, अन्याय, संसार, विकार, विलास, उल्लास आदि । 

  • जिन तद्भव शब्दों के अंत में आ, आव, ना, पा, पन हों, वे शब्द पुंलिंग होते हैं |

Examples – आटा, कपड़ा, बहाव, भुलावा, जागना, पढ़ना, बुढ़ापा, बचपन, भोलापन आदि । 

स्त्रीलिंग शब्द : 

  • जिन तत्सम शब्दों के अंत में आ, ना, इ, इमा, ता हों, वे शब्द स्त्रीलिंग होते हैं |

जैसे- पूजा प्रार्थना, कामना, शिक्षा, छवि, कृषि, कालिमा, महिमा, एकता, साधुता । 

  • जिन तद्भव शब्दों के अंत में अ, आई, ई, इया, अन, वट, हट हों वे शब्द स्त्रीलिंग होते हैं  | 

जैसे-भूख, बचत, बात, लड़ाई, पढ़ाई, चिट्ठी, रोटी, खटिया, जलन, बनावट, लिखावट, कड़वाहट आहट आदि । -61

शब्दों का लिंग परिवर्तन 

शब्द के रूप को पुलिंग या स्त्रीलिंग में बदला जा सकता है। उसके लिए कुछ निश्चित नियम हैं। नीचे उनका उल्लेख किया गया है। 

(1) अकारांत शब्दों में ‘आ’ जोड़कर –

पुंलिंगस्त्रीलिंग
वृद्धवृद्धा
शिष्यशिष्या
अध्यक्षअध्यक्षा
पूज्यपूज्या
सुतसुता
छात्रछात्रा

(2) अकारांत शब्दों में ‘ई’ जोड़कर | 

पुंलिंगस्त्रीलिंग
देवदेवी
पुत्रपुत्री
हिरनहिरनी
गोपगोपी
दासदासी
कबूतरकबूतरी

(3) आकारांत शब्दों में ‘ई’ जोड़कर –

पुंलिंगस्त्रीलिंग
लड़कालड़की
घोड़ाघोड़ी
मामामामी
बीटाबेटी
भतीजाभतीजी
बकराबकरी

(4) आकारांत शब्दों में ‘इया’ जोड़कर –

पुंलिंगस्त्रीलिंग
कुत्ताकुटिया
बीटाबेटिया
चूहाचुहिया
बुड्ढाबुढ़िया
बंदरबंदरिया
गुड्डागुड़िया

(5) कुछ शब्दों के अंत में ‘इन’ जोड़कर-

पुंलिंगस्त्रीलिंग
बाघबाघिन
साँपसाँपिन
नागनागिन
नातीनातिन
धोबीधोबिन
सुनारसुनारीन

(6) कुछ शब्दों के अंत में ‘नी’ जोड़कर –

पुंलिंगस्त्रीलिंगपुंलिंगस्त्रीलिंग
मोरमोरनीगरीबगरीबनी
शेरशेरनीऊँटऊँटनी
हाथीहथिनीसिंहसिंहनी

(7) कुछ शब्दों के अंत में ‘आनी’ जोड़कर-

पुंलिंगस्त्रीलिंगपुंलिंगस्त्रीलिंग
देवरदेवरानीसेठसेठानी
जेठजेठानीभवभवानी
नौकरनौकरानीचौधरीचौधरानी

(8)  शब्दांत  ‘अक’ को ‘इका’ बनाकर –

पुंलिंगस्त्रीलिंगपुंलिंगस्त्रीलिंग
लेखकलेखिकासहायकसहायिका
पाठकपाठिकाअध्यापकअध्यपिका
बालकबालिकाशिक्षकशिक्षिका

(9) कुछ पाठिका शब्दों के अंत में ‘आइन’ जोड़कर –

पुंलिंगस्त्रीलिंगपुंलिंगस्त्रीलिंग
गुरुगुरुआइनपण्डापण्डाइन
लालाललाइनबनियाबनियाइन
बाबूबाबूआइनठाकुरठकुराइन

(10) शब्दांत वान/ मान को वती/ मती बनाकर-

पुंलिंगस्त्रीलिंगपुंलिंगस्त्रीलिंग
पितामातासम्राटसम्राज्ञी
भाईबहन / भाभीपतिपत्नी
मर्द / आदमीऔरतकविकवयित्री
वरवधूपुत्रकन्या
युवकयुवतीससुरसास
बैलगायबादशाहबेगम
नरमादाराजारानी
भैंसाभैसपुरुषस्त्री
फूफाफूफी / बुआविद्वानविदुषी
साहबमेमननदोईननद
ताऊताईभेड़ाभेड़

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